RTGS जिसके बारे में शायद ही कोई व्यक्ति न जानता हो। जो अपने दैनिक जीवन मे बैंक के माध्यम से लेन-देन न करता हो। एक समय था जब नकद धन राशि को जमा करने के किये बैंको की लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था। परंतु बैंकिंग सिस्टम में नवीनकरण आने के बाद सम्पूर्ण बैंकिंग की कार्य प्रणाली बदल चुकी हैं। एक जहाँ पैसो के आदान प्रदान के लिए काफी समस्या उठानी पड़ती थी। आज डिजिटल माध्यम की मदद से कैशलेस पेमेंट को सक्षम करने में इन सभी नई बैंकिंग पदत्ति का महत्वपूर्ण योगदान हैं।
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ऐसे ही एक बैंकिंग की सुविधा के बारे में हम इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे। जी हाँ, आज के इस कथन में हम बात करेंगे RTGS की। फण्ड ट्रांसफर करने के लिए सर्वाधिक उपयोग में की जाने वाली सुविधा हैं। इसके अलावा NEFT का अपना अलग कार्य हैं। तो बिना देरी किये शरू करते हैं आज के इस आर्टिकल को जिसके माध्यम से हम आपको RTGS से सबंधित सभी लाभदायक जानकारी देंगे।
RTGS की क्या फुल्लफॉर्म हैं?
RTGS का पूरा नाम Real Time Gross Settlement हैं जिसके अंतर्गत न्यूतम 2 लाख से लेकर 10 लाख प्रीतिदिन ट्रांसफर कर सकते हैं। RTGS बैंकिंग कार्य प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण भाग हैं जिसे एक खाते से दूसरे खाते में फण्ड ट्रांसफर करना बहुत ही सरल माना जाता हैं।
RTGS के माध्यम से लेन-देन करने में अत्यधिक समय नही लगता व इसके अंतर्गत होने वाले प्रत्येक ट्रांसक्शन तुरंत ही सम्पन्न हो जाते हैं। मुख्यतः RTGS का उयोग करंट एकाउंट्स में ज्यादा होता हैं। ऐसे खाताधारक जिन्हें डेली बेसिस पर बड़ी बड़ी लेनदेन करनी होती हैं। उनके लिए RTGS सबसे बेहतर विकल्प में से एक हैं। इसके अलावा NEFT भी फण्ड ट्रांसफर करने का एक दूसरा माध्यम हैं। परंतु दोनों में अनेको समानता हैं।
RTGS व NEFT में क्या अंतर हैं?
जैसा की हमने ऊपर वर्णन किया हैं कि RTGS व NEFT दोनों फण्ड ट्रांसफर के लिए प्रयोग होने वाली पदत्ति हैं परंतु इनकी कार्यप्रणाली भिन्न हैं। RTGS व NEFT में क्या अंतर हैं वो इस प्रकार से हैं।
RTGS के माध्यम से फण्ड रियल टाइम ट्रांसफर होता हैं जबकि NEFT में 3 से 4 घण्टे का समय लगता हैं।
NEFT के अंतर्गत 1₹ से लेकर कितनी भी धन राशि ट्रांसफर कर सकते हैं वही दूसरी ओर RTGS में कम से कम 2 लाख से लेकर कितना भी फण्ड ट्रांसफर कर सकते हैं।
RTGS कैसे किया जाता हैं?
NEFT व RTGS बैंकिंग सेक्टर में सर्वधिक उपयोग होनी वाली पदत्ति में से एक हैं परंतु बहुत से ग्राहकों के लिए दुविधा का प्रश्न यह हैं कि RTGS जिसे फर्म एकाउंट या करंट एकाउंट में मनी ट्रांसफर करने के किये किस तरह प्रयोग करते हैं। तो RTGS को करने के निम्न दो माध्यम हैं
- Online
- Offline
ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम के माध्यम से भी हम RTGS कर सकते हैं जिसके लिए हमे जिसके खाते में रकम ट्रांसफर करनी हो उसकी बेनेफिशरी डिटेल्स को ऐड करना होगा। इसके अलावा offline RTGS करने के लिए बैंक शाखा में फिजिकल विजिट करना होगा जिसके अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओ को ध्यान में रखना होगा।
RTGS करने के लिए किन किन स्टेप्स को फॉलो करें व इस प्रकार हैं।
- खाताधारक का नाम।
- खातेधारक का एकाउंट नम्बर।
- बैंक शाखा का नाम।
- IFSC कोड
- नगद जमा करने हेतु धनराशि।
हालांकि, NEFT का उपयोग बैंकिंग क्षेत्र में ज्यादा प्रचलित हैं। RTGS के अंतर्गत न्यूतम धनराशि की सीमा 2 लाख रुपये होती हैं जो प्रत्येक बैंक ग्राहक के लिए मान्य नही हैं। RTGS की सुविधा उनके लिए विशेषतौर पर मुहैया कराई जाती हैं जो बड़े एकाउंट या फर्म एकाउंट के होल्डर हैं। इसके अलावा सामन्यतः NEFT का प्रयोग ज्यादा प्रचलन में हैं।
तो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से जमने जाना कि RTGS वास्तव में क्या होता हैं व इसकी क्या फुल्लफॉर्म हैं। फिजिकल लेनदेन को सेफ व सुरक्षित करने में RTGS की अपनी एक अहम भूमिका हैं जिसके अंतर्गत घण्टो बैंक की कतार में खड़े होने की कोई आवश्यकता नही हैं। ग्राहक अपने बैंक की ऑनलाइन बैंकिंग एप्लीकेशन को डाउनलोड कर आसानी से एक खाते से दूसरे खाते ने मनी ट्रांसफर कर सकता हैं। भारत ने नॉट बन्दी के बाद जिस तरिके से कार्य प्रणाली में बदलाव आया हैं व काफी लंबे समय तक बैंक परिसर बन्द होने के कारण ऑनलाइन RTGS व NEFT ने अपना अहम योगदान निभाया हैं।
आज हम एक जहाँ कुछ मिनटो ने जितना चाहे उतनी रकन ट्रांसफर कर सकते हैं ये सब सुविधा केवल बैंक की नवीन प्रणाली के बदौलत हैं।
इसके अलावा बैंक से RTGS करने के लिए एक निश्चित समय सारिणी तय हैं जिसके अंतर्गत ऑनलाइन मनी ट्रांसफर सोमवार से शुक्रवार 8 से 6 के बीच आसानी की जा सकती हैं। वही कुछ बैंको में RTGS व NEFT शनिवार के दिन भी उपलब्ध कराई जाती हैं। तो आशा करते हैं आज के इस आर्टिकल से आपको RTGS के विषय मे पर्याप्त जानकारी प्राप्त हुई होगी।