Kagaj Ka Avishkar Kisne Kiya - जानिए कागज का आविष्कार किसने किया?

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 kagaj ka avishkar kisne kiya in hindi - किसी भी चीज को नोट कर के रखने के लिए कागज का इस्तेमाल किया जाता है पढ़ाई हो या किसी भी तरह का हिसाब किताब कागज पर लिखकर ही संभव हो पाता है मगर क्या आपको पता है सबसे पहले कागज का आविष्कार कहां हुआ और किस के मन में यह विचार आया कि एक कागज पर कुछ लिख कर रखा जा सकता है इस तरह के प्रश्न अगर आपके मन में भी हैं तो कागज का आविष्कार किसने किया का उत्तर आज के लेख में सरल शब्दों में दिया गया है।

Kagaj Ka Avishkar Kisne Kiya - जानिए कागज का आविष्कार किसने किया?

रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल होने वाली चीजों को लेकर अलग-अलग तरह के प्रश्न हमारे मन में आते रहते हैं अगर आपके मन में भी kagaj ka avishkar kisne kiya in hindi, सबसे पहले कागज का इस्तेमाल कहां हुआ, कागज कैसे बनता है, या पेपर का इतिहास क्या है, जैसे कुछ सवाल अक्सर मन में आते रहते है तो आपको आवश्यक वस्तु के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी इस लेख में सरल शब्दों में दी जाएगी। 


kagaj ka avishkar kisne kiya in hindi के बारे मे जानकारी देते हुए हम आपको बताएंगे की कैसे कागज का अविष्कार सर्वप्रथम “त्साई-लुन” Cai Lun नाम के व्यक्ति ने किया था

कागज किसे कहते है?


रोजमर्रा के जीवन में सबसे अधिक बार इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं में एक नाम कागज का भी आता है यह क्या है बताने की जरूरत तो नहीं है यह एक पतली सी सीट होती है जिस पर आप अपनी किसी भी प्रकार की जानकारी को लिखकर रख सकते हैं मगर जब कोई कागज को परिभाषित करने कहेगा तो आप कैसे कहेंगे आखिर यह क्या है इसे कैसे व्यक्त किया जाए?


सरल शब्दों में हम यह कह सकते है कि कागज एक वस्तु है जो पेड़ की छाल से हमें मिलती है जिसका उपयोग का अलग-अलग तरह की चीजों को लिखकर रखने के लिए किया जाता है यह पेड़ की छाल से बनी हुई एक पतली सी सीट होती है जिस पर हम अपनी जानकारी लिख कर रखते है। कागज का इस्तेमाल कई सालों से किया जा रहा है भारत में राजा महाराजा के समय कपड़े पर जानकारी लिखी जाती थी मगर उसके बाद कागज का आविष्कार हुआ तब लोगों ने कागज की पोथी बनाकर रखना शुरू किया जिसके बाद उन पोथियों को सील कर किताब का रूप दिया गया। मगर कागज सबसे पहले कहां बना इसका आविष्कार कैसे हुआ और कैसे किताब हमारे बीच आया है इसके बारे में नीचे बताया गया है। 


कागज का इतिहास

कागज का इतिहास जानने से पहले आपको यह जानना आवश्यक है कि इंसानी सभ्यता जब विकास कर रही थी तो अपने किसी पुराने बात को याद रखने के लिए उसे, उसे लिखकर रखने की आवश्यकता थी लोगों ने पत्थर पर लिखना शुरू किया पत्थर पर लिखी हुई चीज कभी मिटती नहीं थी मगर पत्थर पर लिखना है काफी मेहनत का काम था जिस वजह से हर चीज नहीं लिखा जाता था। इस चक्कर में बहुत सारे विचार जो आने वाले समय में एक क्रांति ला सकते थे जीवन को आसान बना सकते थे उन विचारों को लिखने की जहमत किसी ने नहीं की जिस वजह से बहुत नुकसान हुआ था लोगों को लिखने के लिए एक साधारण वस्तु की आवश्यकता थी जिस पर लिखकर किसी चीज को स्टोर किया जा सके।


सबसे पहले जरूरत को पूरा करने के लिए कपड़ा का इस्तेमाल किया गया अलग-अलग तरह के कपड़े पर स्याही से अपनी जानकारी लिख दी जाती थी और उस कपड़े को मोड़ कर रख लिया जाता था हालांकि कपड़ा महंगा था इस वजह से गरीब लोग इस तरह से नहीं लिख पाते थे जिसका सर्वप्रथम समाधान चीन में निकला। 


चीन अपने पुराने कल्चर और अलग-अलग तरह के आविष्कार के वजह से जाना जाता है अलग-अलग इतिहासकारों का मानना है कि चीन ही वह देश था जिसने सबसे पहले कागज पर लिखना शुरू किया, चीन में 201 ई.पू. में हान राजवंश के राजा “त्साई-लुन” के राज्य काल में कागज का आविष्कार किया गया। 


हालांकि इसके अलावा इतिहासकारों को जब मिस्र के विलुप्त सभ्यता के बारे में पता चला तो उस मायावी सभ्यता में पेपर के अंश मिले और कुछ इतिहासकारों का मानना है की एंटीकोरियम नामक घास से सबसे पहले मिस्र सभ्यता में कागज का आविष्कार किया गया जिसे पेपरी कहा जाता था।


नैश द्वारा लिखे गए ग्रन्थ एकूसोड्स से पता चलता है कि मिस्र सभ्यता के लोग ईसा मसीह के जन्म से 1400 वर्ष पूर्व कागज का इस्तेमाल किया करते थे। हालांकि मुख्य रूप से मिस्र सभ्यता के बारे में अभी बहुत सारी चीजें खोजना बाकी है कि यह एक ऐसी रहस्यमय सभ्यता है जिसके बारे में संपूर्ण जानकारी किसी को नहीं पता आखिर यह सभ्यता कब शुरू हुई कैसे विलुप्त हो गई कोई नहीं जानता केवल अजीबोगरीब सभ्यता में पिरामिड के साथ-साथ कुछ अन्य जानकारियां भी मिलती है इस वजह से पेपारी नाम के कागज के आविष्कार को मिस्र सभ्यता से जोड़कर देखा जाता है लेकिन इसे पूर्ण मान्यता नहीं दी जाती। 


भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता सिंधु घाटी सभ्यता थी सिंधु सभ्यता के अनुसार भारत में कागज का आविष्कार किया जाता था सिंधु सभ्यता में चीन के हान राजवंश के आसपास ही कागज का आविष्कार यहां भी हुआ था।


हालांकि आधुनिक भारत में अगर हम कागज के अविष्कार की बात करें तो इसे सबसे पहले मुख्य रूप से एक नियम के अनुसार सबसे पहले सुलतान जैनुल आबिदीन 1417 में कागज बनवाया था और भारत में इस्तेमाल शुरू करवाया था।


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कागज का आविष्कार किसने किया (kagaj ka avishkar kisne kiya in hindi)

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया अलग-अलग इतिहासकारों के अनुसार अलग-अलग समय में कागज का आविष्कार हुआ था मगर मिस्र की सभ्यता को कुछ इतिहासकारों के द्वारा सत्य नहीं माना जाता जिस वजह से कागज का आविष्कार सबसे पहले मिस्र सभ्यता में हुआ था इसे मान्यता नहीं दी जाती इसके बाद कागज का सर्वप्रथम इस्तेमाल चीन में देखा गया जिस वजह से हम ऐसा कह सकते है की, चीन में 201 ई.पू. में हान राजवंश के राजा “त्साई-लुन” के राज्य काल में कागज का आविष्कार किया गया।


इसलिए कागज का आविष्कार चीन के राजा त्साई-लुन ने 201 ईसा पूर्व में किया था। उसके बाद कागज का आविष्कार भारत की सिंधु घाटी सभ्यता में देखा गया, हालांकि सिंधु घाटी सभ्यता के विरुद्ध हो जाने के बाद इसका इस्तेमाल इतनी तीव्रता से नहीं देखा गया। जिसके बाद विश्व के अन्य अलग-अलग क्षेत्रों में कागज का आविष्कार देखा गया और 1400 में कागज का मुख्य रूप से इस्तेमाल भारत में होने लगा।


कागज के किताब कॉपी का इस्तेमाल सबसे पहले कहां हुआ


हमने आपको ऊपर बताया कि सबसे पहले कागज कहां बनाया गया अगर आप यह जानना चाहते हैं कि किताब कॉपी जैसी चीजें सबसे पहले कहां बनी थी तो आपको बता दें यह सबसे पहले चीन में बनाई गई थी 201 ईसा पूर्व में चीन ने कागज की खोज की जिसके बाद जानकारी लिखना बहुत ही सरल हो गया हर तरह की जानकारी को लिखकर कागज पर आसानी से रखा जा सकता था उन जानकारियों को एक किताब का रूप देना शुरू किया गया जिसके बाद विश्व में किताब और कॉपी का प्रचलन शुरू हुआ।


ऐसा माना जाता है कि चीन के बाद किताब कॉपी का प्रचलन भारत में हुआ और सबसे अधिक किताब और कॉपी का इस्तेमाल भारत में ही किया जाने लगा उस वक्त भारत में विश्वविद्यालय और लाइब्रेरी की सुविधा बनाई गई थी।


किताब या कॉपी छापने के लिए सबसे पहला कारखाना भारत में 1870 में कोलकाता में हुगली नदी के किनारे बाली नाम के स्थान पर लगाया गया था। जिसके बाद अलग-अलग क्षेत्र में कारखाना लगाकर किताब कॉपी छापने और लिखने का कार्य शुरू किया गया यह काम सबसे पहले बंगाल में शुरू हुआ और 1887 तक बंगाल में चलता रहा और उसके बाद आंध्र प्रदेश और गुजरात जैसे जगहों पर किताब छापने का काम शुरू किया गया।


निष्कर्ष

कागज बहुत ही आवश्यक वस्तु है बिना कागज के हम किसी भी जानकारी को लिखकर नहीं रख पाते हम नहीं समझ पाते कि आज से सालों पहले अलग-अलग तरह के लोगों ने किस तरह का आविष्कार किया और कैसे इंसानी सभ्यता इतना सुधर पाई लेकिन हमारे पास इतने अलग-अलग तरह की जानकारी केवल इस वजह से है क्योंकि कुछ लोगों ने कागज का आविष्कार करके जानकारी को लिखकर रखना आसान बना दिया आज हमने अपने लेख के माध्यम से आपको इसकी जानकारी सरल शब्दों में देने का प्रयास किया और आपको बताया कि kagaj ka avishkar kisne kiya in hindi, इसका इतिहास क्या है और सबसे पहले किन देशों के द्वारा किताब कॉपी का खोज किया गया।


अगर ऊपर बताई गई जानकारियों को पढ़ने के बाद आप यह समझ पाए हैं कि कागज का आविष्कार कैसे विश्वभर में फैल पाया और कैसे हमारे बीच किताब कॉपी और ज्ञान का संचार आसान हो पाया तो हमारी इस लेख को अपने अन्य मित्रों के साथ भी साझा करें साथ ही इस तरह के कुछ अन्य सवाल के उत्तर अगर आपको चाहिए तो कमेंट में पूछना ना भूलें।

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