DNA का full form क्या होता हैं? DNA ka Full Form?

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DNA जीव विज्ञान विषय से लिया गया एक ऐसा शब्द हैं जो शरीर मे उपस्थित विभिन प्रकार की क्रियाओं की जानकारी प्राप्त कराता हैं। आज की इस दैनिक दिनचर्या में हम इस शब्द को अधिकांस रूप से सुनते भी हैं। परंतु बहुत कम लोग ऐसे शब्दों को गम्भीरता से लेकर इनपर विचार विमर्श करते हैं।

DNA का full form क्या होता हैं? DNA ka Full Form?

जीव विज्ञान के शब्दकोश को न उठाते हुए, आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको DNA की full form व इसका क्या कार्य हैं यह बताएंगे। DNA जैसे शब्दो को आमतौर पर धारावाहिक नाटको व फिल्मो में सुनने के बाद उन सभी के मन मे यह जिज्ञासा उतपन्न होती हैं कि DNA की वास्तविक full form क्या हैं तो बिना देरी किये हुए शरू करते हैं आज के इस आर्टिकल को जिसमे हम आपको बताएंगे कि DNA क्या हैं।


DNA का full form क्या होता हैं?

जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण पाठ से सम्बन्ध रखने वाला है शब्द DNA जिसकी full form- Deoxyribonucleic acid होती हैं।

ये सामान्यतः तीन फॉर्म में विभाजित रहता हैं जो इस प्रकार हैं।

D- Deoxyribo

N- Nucleic

A- Acid

वैज्ञानिक शोध के अनुसार DNA के आकार की गणना करने सरल नही हैं अथार्त इनका आकर इतने विस्तार रूप से हैं कि सूर्य से पृथ्वी की तरह दूरी मापने से भी अत्यंत कठिन हैं। DNA हमारे शरीर की कोशिकाओं में विराजमान रहता हैं और ये पीढ़ी दर पीढ़ी रहता हैं। DNA कभी नस्ट नही होता, यह एक शरीर से दूसरे शरीर मे रूपन्तित होता रहता हैं। मानव शरीर मे DNA की संख्या लगभग तीन बिलियन बेस के बराबर होती हैं।

पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही मानव नस्ल की प्रजाति का मुख्य विश्लेषण केवल DNA की मदद से किया जा सकता हैं।

हालांकि, ये अपने आप मे एक बहुत बड़ा विषय हैं जिसकी विस्तारित जानकारी बड़े स्तर के पाठ्क्रम में दी गयी हैं। जो विद्यार्थी 12वी के बाद मेडीकल विज्ञान में दाखिला लेते हैं उनको इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करना का अवसर प्राप्त होता हैं।


DNA क्या हैं इससे हम क्या समझते हैं?

DNA मानव रूपी शरीर का वो मुख्य स्रोत हैं जिसके फलस्वरूप हमे अपने पूर्वजो से लेकर माता पिता के गुणों का आभास होता हैं। इसीलिए DNA टेस्ट की मदद से हमारे शरीर की जानकारी प्राप्त की जाती हैं। आज के नवीन मेडिकल विज्ञान की खोज के तहत DNA के कम से कम 1200 विकल्प हैं

DNA को नष्ट नही किया जा सकता, अथवा ये एक शरीर से दूसरे में स्थानांतरित होता रहता हैं।  DNA टेस्ट शरीर के प्रमुख कुछ अंगों के द्वारा किया जाता हैं जिनमे बाल, त्वचा, मूत्र व खून आदि के सैंपल की मदद से जांच की जा सकती हैं। मेडीकल विज्ञान की बढ़ोतरी के कारण DNA के बारे में जानकारी हासिल करना इतना सरल हो गया हैं जितना पहले नही था। इसीलिए किसी भी अप्रिय घटना के गठित होते समय, DNA टेस्ट के लिए भेजा जाता हैं जिससे सटीक जानकारी प्राप्त हो सके।


DNA का अविष्कार कब और किसके द्वारा हुआ?

नोबल पुरस्कार विजेता जेम्स ओर फ्रांसिक क्रीक द्वारा DNA का अविष्कार वर्ष 1953 में हुआ। इस अद्धभुत अविष्कार की विशेषता मेडिकल जगत के किये बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती हैं। DNA को लेकर लगातार पप्रयोगशालाओं में विभन्न शोध किये गए जिनके अनुरूप अधिक जानकारी प्राप्त हुई। इसी कारण आज के इस युग मे एक जहाँ रोजमर्रे की दिनचर्या में क्राइम रेट बढ़ रहा हैं उसे सुलझाने व सरल बनाने में DNA टेस्ट की अपनी एक अलग भूमिका हैं।

DNA टेस्ट के माध्यम से हम शरीर मे उतपन्न या प्रवर्तित हो रही किसी भी गम्भीर समस्या की रोकथाम कर सकते हैं। मेडिकल शोध के अनुसार हमारे शरीर मे माता पिता से मिले कुछ ऐसे गुण या दोष आ जाते हैं जिनका खामयाजा हमे भुगतना पड़ता हैं।


कुछ व्यक्तियों में बाल टूटने से लेकर त्वचा जैसी गम्भीर रोग आ जाते हैं। ऐसी कुछ गम्भीर रोगों की शरुआत में रोकथाम करने का एकमात्र उपाय सही समय पर DNA जांच कराना हैं। जिसके माध्यम से हम इसकी रोकथाम के उपाय को जान सकते हैं व उनको लागू कर आने वाली पीढ़ी का बचाव भी कर सकते हैं। सम्पूर्ण DNA जांच से यह सुनिश्चित हो जाता हैं कि शरीर की कोशिकाओं में किस प्रवर्ति के हार्मोन्स हैं व उनकी रोकथाम कैसे की जा सकती हैं।

तो आज के इस कथन के माध्यम से हमने जाना कि DNA का हमारे जीवन मे क्या उयोग हैं व इसकी क्या क्या प्राथमिकता हैं मेडिकल क्षेत्र की इस बड़ी उपलब्धि के माध्यम से आज न केवल मेडिकल विज्ञान का विस्तार हुआ हैं बल्कि मानव समाज के लिए एक नई दिशा का निर्माण हुआ हैं। DNA का अपने विषय मे अलग ही अभिप्राय हैं

किसी भी अनुवांशिक रोग की रोकथाम व उससे उतपन्न दुष्परिणामो को ध्यान में रखते हुए, सही समय सटीक जांच करने हेतु उसकी रोकथाम के एकमात्र उपाय DNA टेस्टिंग हैं।

विस्तारित जानकारी ग्रहण करने के लिए इसके ऊपर अन्य कथन लिखे गए हैं।

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